पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें जारी – जानें आज आपके शहर में कितने रुपये तक सस्ता हुआ फ्यूल


भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर रोज बदलती हैं। यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों, मुद्रा विनिमय दर और सरकार द्वारा लगाए गए करों पर निर्भर करता है। ईंधन की कीमतें आम जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह न केवल परिवहन बल्कि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों को भी प्रभावित करती हैं।

आज, 26 नवंबर 2024 को, देश के विभिन्न हिस्सों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आइए विस्तार से जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं और आज के ताजा रेट क्या हैं।

Petrol Diesel Prices Today

शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली ₹94.77 ₹87.67
मुंबई ₹109.46 ₹97.29
चेन्नई ₹100.80 ₹92.61
कोलकाता ₹104.95 ₹93.06
पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें जारी – जानें आज आपके शहर में कितने रुपये तक सस्ता हुआ फ्यूल

पेट्रोल और डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम के तहत तय होती हैं। इसका मतलब है कि हर दिन सुबह 6 बजे ईंधन की नई कीमतें जारी होती हैं। ये कीमतें निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती हैं:

  1. कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत: भारत अपनी जरूरत का लगभग 83% कच्चा तेल आयात करता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर भारत में ईंधन की कीमतों पर पड़ता है।
  2. रुपया-डॉलर विनिमय दर: चूंकि कच्चे तेल का व्यापार डॉलर में होता है, इसलिए रुपये की मजबूती या कमजोरी भी ईंधन की लागत को प्रभावित करती है।
  3. सरकारी कर: केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए उत्पाद शुल्क (Excise Duty) और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए वैट (VAT) ईंधन की अंतिम कीमत का बड़ा हिस्सा होते हैं।
  4. डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप मालिकों को दिया जाने वाला कमीशन भी अंतिम उपभोक्ता मूल्य में जोड़ा जाता है।

आज के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम

नीचे कुछ प्रमुख शहरों में आज के पेट्रोल और डीजल के दाम दिए गए हैं:

शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
भोपाल ₹106.52 ₹94.55
जयपुर ₹105.07 ₹93.42
लखनऊ ₹94.69 ₹87.38
देहरादून ₹93.64 ₹88.06
पटना ₹92.42 ₹88.23

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण

भारत में ईंधन की बढ़ती कीमतों के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:

1. अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव

  • रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे भू-राजनीतिक तनाव कच्चे तेल की आपूर्ति को बाधित करते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है।
  • वैश्विक मांग और आपूर्ति असंतुलन भी एक बड़ा कारण है।

2. कर संरचना

  • केंद्र और राज्य सरकारें ईंधन पर भारी कर लगाती हैं। उदाहरण के लिए, उत्पाद शुल्क और वैट मिलाकर कुल लागत का लगभग 50% तक हो सकता है।

3. रुपये का अवमूल्यन

  • यदि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है, तो भारत को कच्चे तेल के आयात पर अधिक खर्च करना पड़ता है।

4. परिवहन लागत

  • कच्चे तेल को रिफाइनरी तक ले जाने, उसे प्रोसेस करने और फिर पेट्रोल पंप तक पहुंचाने में आने वाली लागत भी शामिल होती है।

पेट्रोल-डीजल मूल्य निर्धारण पर सरकार का नियंत्रण

2014 से पहले भारत सरकार सीधे पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करती थी। लेकिन अब यह जिम्मेदारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को सौंप दी गई है।2017 से डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम लागू होने के बाद से, OMCs हर दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार दर, टैक्स और अन्य लागतों को ध्यान में रखते हुए नई कीमतें तय करती हैं।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

ईंधन की बढ़ती कीमतों का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है:

  • महंगाई: परिवहन लागत बढ़ने से खाद्य पदार्थों और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
  • आर्थिक गतिविधियों पर असर: उच्च ईंधन लागत से औद्योगिक उत्पादन महंगा हो जाता है, जिससे आर्थिक विकास धीमा हो सकता है।

समाधान: वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत

भारत सरकार ने आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  1. इथेनॉल मिश्रण नीति: 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
  2. विद्युत वाहन (EV) प्रोत्साहन: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दी जा रही है।
  3. स्वदेशी उत्पादन: घरेलू तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
PM Awas Yojana 2024

निष्कर्ष

पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई आंतरिक और बाहरी कारकों पर निर्भर करती हैं। हालांकि भारत सरकार ने डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम लागू कर पारदर्शिता बढ़ाई है, लेकिन कर संरचना में सुधार किए बिना उपभोक्ताओं को राहत मिलना मुश्किल है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी समय-समय पर बदल सकती है। वास्तविक आंकड़ों के लिए स्थानीय अधिकारियों या संबंधित वेबसाइट्स से संपर्क करें।


  • Kajal Kumari



    Kajal Kumari is an experienced writer with over 7 years of expertise in creating engaging and informative content. With a strong educational background in literature and communication.



    View all posts



Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top